8TH SEMESTER ! भाग- 87( before the exam-7)
"तुम दिव्या हो..."जैसे ही मै ईशा के सामने पंहुचा वो थोड़ा गुस्से मे बोली
"नही..."
"तो फिर तुम यहाँ क्यूँ टपक पड़े, मैने तो दिव्या को आवाज़ दी थी..."
"तुम्हारी सहेली मेरे दोस्त के साथ भिड़ी हुई है तो क्यूँ ना हम दोनो भी एक -दूसरे से भिड़ जाए... क्या नेक खयाल है ...
"कया "
"कुछ नही...कैंटीन मे तुमने मेरी बात का ग़लत मतलब निकाल लिया था...
"ईशा नाम है मेरा..ओके और मैने कोई गलत मतलब नहीं निकाला था और तो और...तुमने मुझे सॉरी भी नही बोला था..."
"किसलिए सॉरी बोलू...?"
"तुमने मुझे कहा था की i look like your pet animal..."
"करेक्ट है...तो इसमे सॉरी बोलने वाली क्या बात...तुम बिल्कुल मेरी बिल्ली जैसी दिखती हो..."
ये सुनकर ऐश का पारा फिर आसमान छुने लगा और उसका पारा नार्मल ह्यूमन टेम्परेचर को पार करें उसके पहले ही मैने कहा
"मेरे कहने का मतलब था कि तुम्हारी आँखे बिल्कुल मेरी बिल्ली की तरह है...एक दम मस्त भूरी-भूरी...सेक्सी...सॉरी सेक्सी नही स्वीट-स्वीट..क्यूट -क्यूट.. एक दम भूरी बिल्ली हो तुम "
"तो तुम्हारा कहने का मतलब मैं तुम्हारी बिल्ली हूँ..."
"ये तो तू ही बोल रही है.. मैने तो सिर्फ ये कहा कि तुम्हारी आँखे सिर्फ उसकी तरह है...शब्दों पे ध्यान दीजिये,मोहतरमा... क्यूंकि यहाँ सारा खेल शब्दों का है...."
"मैं कुछ नही जानती, तुम मुझसे अभी सॉरी बोलो..."
"श्री अरमान से sorry बुलवाओगे तुम लोग अब.... चल फुट.."
"फिर दोबारा मुझसे कभी बात मत करना..."
"अरे जा ना,भेजा मत खा..."
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गुस्से से अपने पैर पटक कर ऐश वहाँ से जाने लगी तब मैने उसे एक बार फिर भूरी बिल्ली कहकर पुकारा जिसके बाद वो और भी जल्दी वहाँ से कट ली...अरुण और दिव्या अब भी एक-दूसरे से बात कर रहे थे....ऐश जब आँखो से दूर हो गयी तो मैं वापस उन दोनो के पास पहुचा... साला, यदि अरुण माल पता लिया तो, दिन भर मेरी बेइज्जती करेगा..मुझे निचा दिखायेगा..खुद को मुझसे ज्यादा हैंडसम बताएगा... इसका गेम बिगड़ना पड़ेगा... पर साला दोस्त है..
"अरमान...तुम मेरी फ्रेंड लिस्ट मे हो क्या..."मेरी सोच मे विघ्न ड़ालते हुए दिव्या मुझसे पूछी
"याद नही... बहुतो कि रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करता हूँ.. तो याद नहीं रहता "
जबकि सच ये नहीं था..सच ये था कि सिवाय हॉस्टल के लड़को के और कुछ लड़कियों के घंटा मुझे सब याद है कि कौन कौन fb मे मेरी फ्रेंड लिस्ट मे शामिल है... और दिव्या उनमे से नहीं है..लेकिन फिर भी अपना रुतबा बनाने के लिए मैने ऐसा कहा...
"अरमान.. तुम ना...आज रिक्वेस्ट भेज देना मुझे ..मैं एक्सेप्ट कर लूँगी...वो क्या है ना की मैं बिना जान पहचान वाले लड़को की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट नही करती.. तुम तो जानते ही होगे कि हम खूबसूरत गर्ल्स को कितनी सिक्योरिटी कायम रखनी पडती है... और भूलकर भी मेरी फोटो डाउनलोड करने कि कोशिश मत करना..वो लॉक्ड है..."
"साली.. कुत्ती...कमीनी .."दिव्या को देखकर मैने हां मे गर्दन घमायी और मन ही मन उसे ढेरो गालिया दी... दिव्या को गली मै उसके फेस पे भी दे सकता था लेकि....अरुण उसमे इंट्रेस्टेड था इसलिए मैं उसे झेल रहा था ,वरना कबका बेज़्जती करके भगा दिया होता... वो क्या है ना कि अपना एक रूल है... ~मित्रता परमो धर्म :
"तुम्हारा ट्विटर पर अकाउंट है...?"दिव्या ने मेरा सर खाना जारी रखा और अपना अगला सवाल मुझसे किया
"नही..."मैने रूखा सा जवाब दिया...
"तो आज जाकर ट्विटर पर a/c बना लेना और अरुण से मेरी ट्विटर आइडी पुछ कर मुझे फॉलो कर लेना... टोटल 289 followers है मेरे..ओके... मैं बहुत अच्छे स्टेटस अपडेट करती हूँ...."
अब तक तो मैं उसे अरुण की खातिर झेल रहा था लेकिन अबकी बार मैं खुद को रोक नही पाया...
"ओये चल जा ना ,काहे को दिमाग़ का ढोकला बना रही है...कुछ काम-धाम नही है क्या...?? फ़ेसबुक और ट्विटर के सिवा.. इतना ही शौक है तो किसी पोर्न वेबसाइट मे आईडीई बना और वहा अपने वीडियो डाल..तब मै आटोमेटिकली फॉलो करूँगा तुझे... और .तू इतनी फ्री रहती होगी लेकिन मुझे जाकर पढ़ाई भी करनी होती है....पक्का तेरी 10-12 सब्जेक्ट मे बैक लगी होगी...चल भाग यहाँ से..."
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मेरे इस बर्ताव से डर कर दिव्या ने उसी वक़्त पतली गली पकड़ ली और अब अरुण मेरा भेजा खा रहा था...वो मुझे गालियाँ बक रहा था क्यूंकी मैने फ़ेसबुक पर दिव्या के पीछे किए गये उसके घंटो की मेहनत पर मूत जो दिया था....
"मालूम नही, मैं जब भी बास्केटबॉल कोर्ट मे आता हूँ तो कुछ हो सा जाता है..."अपनी सफाई मे मैने अरुण से सिर्फ इतना कहा
"हुआ कुछ नही है ,तू साले आज ज़्यादा उड़ रहा है...कोच के सामने भी तू बहुत उचक रहा था..."
"वो तो सिर्फ़ बहाना था खुद को बास्केटबॉल से दूर रखने का और अब रीज़न मत पुछ लेना..."
"नो प्राब्लम , चल चलकर फोटो खिचवाते है...एग्जाम्स फॉर्म की कल लास्ट डेट है ...."
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मेरे सेकेंड सेमेस्टर के एग्जाम्स ,फर्स्ट सेमेस्टर से लाख गुना अच्छे गये...क्यूंकी इस बार थोड़ी बहुत तैयारी पहले से थी...लेकिन एग्जाम्स के दौरान जिन दो सब्जेक्ट मे एक-एक हफ्ते की छुट्टी मिली,उसी मे लटकने का डर था...लेकिन एक बात का सुकून था कि इस बार मेरे मार्क्स इनक्रीस होने वाले थे...
एग्जाम्स के बाद दो हफ्ते की छुट्टी मिली लेकिन मैं एक हफ्ते बाद ही वापस हॉस्टल आ गया था...और घर मे ये बहाना मारा था की सिर्फ एक ही हफ्ते की छुट्टी है और कमाल कि बात है कि घरवालों ने मान भी लिया 😳 पर ऐसा करने वाला मैं अकेला नही था कई लड़के तो मुझसे भी पहले वापस हॉस्टल आ गये थे और अरुण तो घर ही नही गया था
Raghuveer Sharma
27-Nov-2021 03:30 PM
वाह वाह मित्रता परमोधर्मः बढ़िया 👌👌👌
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